फिल्म समीक्षा : एक पहेली-लीला

-अजय ब्रहमात्मज
स्टार: 1.5

अगर बॉबी खान की 'एक पहेली-लीला' को किसी फिल्म के बजाय वीडियो म्यूजिक संकलन के तौर पर देखा जाए तो यह मधुर, रंगीन और आकर्षक है। निर्देशक ने फिल्म को ग्लैमरस बनाने का हर इंतजाम किया है। लंदन से जोधपुर और जैसेलमेर तक के लैंडस्केप हैं और उन सबके बीच खूबसूरत सनी लियोनी हैं। फिल्म में कई बार उनके लिए 'हॉट' शब्द का इस्तेमाल किया गया है। बॉबी खान अपनी इस 'हॉट' एक्ट्रेस का ऑनस्पॉट उपयोग करते हैं।

कथाभूमि पर गौर न करें कहानी लंदन से जोधपुर, जैसेलमेर शहरों तक तो आती ही है, समय के हिसाब से सदियों पीछे भी चली जाती है। प्रेम, पुनर्जन्म, पॉपुलर म्यूजिक, फैशन, फोटोग्राफी, स्टेज परफॉरमेंस जैसी चुनी हुई घटनाओं और प्रसंगों के साथ फिल्म तैयार कर ली गई है। तर्क, कंटीन्यूटी और कथाविस्तार की बारीकियों में जाने पर उलझ जाने का खतरा रहेगा। कहानी एक साथ वर्तमान और अतीत में घूमती है। अतीत की लीला और वर्तमान की मीरा सनी लियोनी हैं। बाकी पुनर्जन्म में आए किरदारों के चेहरे बदल गए हैं। चेहरा वही रखा जाता तो क्लाइमैक्स का विस्मय खत्म हो जाता।
सनी लियोनी की संवाद अदायगी में दिक्कत है। 'पता' को 'पाता' बोलने जैसी गलतियां अनेक शब्दों में सुनाई पड़ती हैं। हिंदी भाषी दर्शकों कसे ये उच्चारण दोष कर्णकटु लगते हैं। निर्देशक को इसकी परवाह नहीं। वह तो दर्शकों को लुभाने के लिए सनी लियोनी को ले आया है। अतीत और वर्तमान के कास्ट्यूम की की काट लगभग एक जैसी रखी गई है, जिनसे सनी लियोनी का शरीर दर्शकों को दिखाया जा सके। मीरा बनी सनी लियोनी एक दृश्य में बोलती भी हैं, 'ग्लैमर वल्र्ड में सक्सेस का शॉर्ट कट, शॉर्ट स्कर्ट है।' मीरा को यह शॉर्ट स्कर्ट पहनाया गया है। अतीत की लीला भी ऐसे पारंपरिक ड्रेस पहनती है, जो कमर से थोड़ा नीचे आकर खत्म हो जाती है।

कलाकारों में जस अरोड़ा निगेटिव किरदार में लाउडनेस में अच्छे लगते हैं। मोहित अहलावत का स्क्रीन प्रेजेंस आकर्षक है, लेकिन उनके अभिनय के बारे में यही बात नहीं कही जा सकती। दोहरी भूमिका में सनी लियोनी पर दोहरा दवाब था, इसलिए वह दोहरे स्तर पर अप्रभावित ररती हैं। रजनीश दुग्गल, राहुल देव और अन्य सहयोगी किरदारों में आए कलाकार ठीक-ठाक हैं। फिल्म का गीत-संगीत मधुर है और इन्हें भव्य तरीके से वीडियो म्यूजिक की तरह फिल्माया गया है। उन्हें फिल्म का हिस्सा समझकर न देखें।

अवधिः 144 मिनट

Comments

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

फिल्‍म समीक्षा : आई एम कलाम