झूठ है दोस्ती का दिखावा और दावा
-अजय ब्रह्मात्मज फिल्म इंडस्ट्री के सितारे हमेशा दोस्ती के दावे करते हैं। सार्वजनिक बातचीत और इंटरव्यू में वे दोस्ती का हवाला देते हैं और घोर विरोधी और प्रतियोगी स्टार की तारीफ भी करते हैं। शायद ही कभी किसी सितारे के मुंह से किसी और सितारे की बुराई निकली हो। यह सब सच दिखने के बावजूद हिंदी फिल्मों की तरह वास्तविक नहीं होता। सब दिखावा है। छल है, मुखौटा है। हाल ही में कैटरीना कैफ के जन्मदिन पार्टी में सलमान खान और शाहरुख खान के बीच हुई तू-तू मैं-मैं राष्ट्रीय खबर बन गई। अलग-अलग कोणों और संबंधित सितारों के दृष्टिकोण से विस्तार में बताया जा रहा है कि उस रात क्या-क्या हुआ? सलमान और शाहरुख के बीच मेल कराने की कोशिश में लगे आमिर खान और संजय दत्त के बारे में भी लिखा जा रहा है। यह भी संकेत दिया जा रहा है कि फिल्म इंडस्ट्री इस मुद्दे को लेकर खेमों में बंट गई है, लोग अपनी-अपनी वफादारी घोषित कर रहे हैं। इस घोषणा की गहराई में जाएं, तो पाएंगे कि सभी अपने स्वार्थ से प्रेरित हैं। कोई मुद्दे की तह में नहीं जाना चाहता! तह में जाने पर खलबली की जानकारी मिलती है। सतह पर सब कुछ स्थिर और शांत नजर आता है। दिखत