फिल्म समीक्षा देसी ब्वॉयज
-अजय ब्रह्मात्मज न्यूयार्क के फिल्म स्कूल से निर्देशन की पढ़ाई कर चुके डेविड धवन के बेटे रोहित धवन ने देसी ब्वॉयज की फिल्म के चारों मुख्य कलाकारों को स्क्रिप्ट के  नाम पर क्या सुनाया होगा? और फिर स्क्रिप्ट सुनने-समझने के बाद हां करने के लिए मशहूर कलाकारों को इस स्क्रिप्ट में क्या उल्लेखनीय लगा होगा। पुरूषों  का अंग प्रदर्शन, स्ट्रिपटीज, पोल डांस, लंदन, ट्रिनिटी कॉलेज, नायिकाओं  के लिए डिजायन  कपड़े, दो-तीन गाने और संजय दत्त का आयटम  अपीयरेंस.. देसी ब्वॉयज में यह सब है। बस कहानी नहीं है,लेकिन इमोशनल  पंच हैं। मां-बेटा, बाप-बेटी, दोस्त, टीचर-स्टूडेंट के अनोखे संबंधों के साथ जब जीरो दिया मेरे भारत ने सरीखा राष्ट्रप्रेम भी है। ऐसा लगता  है कि रोहित  धवन और उनके सहयोगी लेखक मिलाप झावेरी  को पुरानी हिंदी फिल्मों के जो भी पॉपुलर  (घिसे पिटे पढ़ें) सीन याद आते गए, उनकी चिप्पी लगती  चली गई। ऊपरी तौर पर यह दो दोस्तों निक  और जेरी  की कहानी है। मंदी की वजह से दोनों की बदहाली शुरू होती है। मजबूरी में वे पुरूष  एस्कॉर्ट  का काम स्वीकार करते हैं, लेकिन अपनी नैतिकता के दबाव में कुछ रूल बनाते हैं। नि...