शाहरुख़ खान ने पढी कविता

शाहरुख़ खान ने समर खान की फ़िल्म 'शौर्य' के लिए एक कविता पढी है.इसे जयदीप सरकार ने लिखा है।

शौर्य क्या है?
शौर्य क्या है?
थरथराती इस धरती को रौंदती फौजियों के पलटन का शौर्य
या सहमे से आसमान को चीरता हुआ बंदूकों की सलामी का शौर्य
शौर्य क्या है?
हरी वर्दी पर चमकते हुए चंद पीतल के सितारे
या सरहद का नाम देकर अनदेखी कुछ लकीरों की नुमाईश
शौर्य क्या है?
दूर उड़ते खामोश परिंदे को गोलियों से भून देने का एहसास
या शोलों की बरसातों से पल भर में एक शहर को श्मशान बना देने का एहसास
शौर्य क्या है?
बैठी हुई आस में किसी के गर्म खून सुर्ख हो जाना
या अनजाने किसी जन्नत की फिराक में पल-पल का दोज़ख हो जाना
बारूदों से धुन्धलाये इस आसमान में शौर्य क्या है?
वादियों में गूंजते किसी गाँव के मातम में शौर्य क्या है?
शौर्य क्या है?
शयद एक हौसला,शयद एक हिम्मत......
मजहब के बनाये दायरे को तोड़कर किसी का हाथ थाम लेने की हिम्मत
गोलियों के बेतहाशा शोर को अपनी खामोशी से चुनौती देने की हिम्मत
मरती-मारती इस दुनिया में निहत्थे डटे रहने की हिम्मत
शौर्य
आने वाले कल की खातिर अपनी कायनात को आज बचा लेने की हिम्मत
शौर्य क्या है?

Comments

कविता पढ़ाने के लिए शुक्रिया
Udan Tashtari said…
इसे प्रस्तुत करने का आभार.

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