सिनेमालोक : बुझ गया एक सितारा
सिनेमालोक बुझ गया एक सितारा -अजय ब्रह्मात्मज कॉलेज के दिनों में शौकिया तौर पर डांस का प्रैक्टिस आरंभ हुआ. डांस करने के जादुई प्रभाव से विस्मित होकर वह लीन होते गए. श्यामक डावर के इंस्टीट्यूट में दाखिला ले लिया. उनकी लगन और परफॉर्मेंस को देखकर श्यामक डावर ने उन्हें अपने ट्रूप में शामिल कर लिया. साथ में हुए कुछ परफॉर्मेंस में सुशांत सिंह राजपूत ने उन्हें इस कदर मोहित किया कि उन्होंने उनको मुंबई जाने और फिल्मों में प्रतिभा आजमाने की सलाह दे दी. सुशांत ने दिल्ली में शाह रुख खान और मनोज बाजपेयी के प्रशिक्षक रहे बैरी जॉन से एक्टिंग के गुर सीखे. फिर मुंबई आ गए. कम लोग जानते और लिखते हैं कि मुंबई आने के बाद सुशांत सिंह राजपूत ने नादिरा बब्बर के नाट्य ग्रुप ‘एकजुट’ के साथ काम किया. वहां उन्होंने कुछ नाटकों में हिस्सा लिया और खुद को मांजते रहे. उन्हीं दिनों एक नाटक के परफॉर्मेंस में एकता कपूर के एक सहयोगी ने उन्हें देखा और एकता कपूर से मिलने के लिए बुलाया. उन्हें ‘किस देश में है मेरा दिल’ के लिए चुन लिया गया. अभिनय की की ख्वाहिश को एक दिशा मिल गई और फिर ‘पवित्र रिश्ता’ में मानव के किरदार ने