शुक्रवार, 5 अक्तूबर, 2007

चवन्नी की सलाह मानें तो इस हफ्ते किसी नयी फिल्म को देखने का जोखिम न उठाएं. 'इट्स ब्रेकिंग न्यूज', 'गो', 'छोड़ो न यार'और '50 लाख' फिल्में रिलीज हुई है. इनमें से '50 लाख' चवन्नी ने नहीं देखी है, इसलिए उसके बारे में कुछ भी कहना गलत होगा. बाकी तीन औसत से कमजोर फिल्में हैं. रामू कैंप की 'गो' का तो गाना ही है . बैंड बजा दे. लगता है राम गोपाल वर्मा अपना और अपनी टीम का बैंड बजा कर ही रहेंगे. चवन्नी निराश है, लेकिन हताश नहीं है. चवन्नी को उम्मीद है कि रामू 'सरकार राज' से लौटेंगे. 'इट्स ब्रेकिंग न्यूज' तो अ।पके धैर्य को ब्रेक करने वाली फिल्म है. कोयल पुरी को अभिनय की अच्छी और पूरी ट्रेनिंग लेनी चाहिए और अपना हिंदी उच्चारण भी दुरूस्त करना चाहिए. 'छोड़ो न यार' का शीर्षक ही बता देता है कि उसे दर्शकों से क्या उम्मीद है.

इस हफ्ते सुनील दत्त और नरगिस के जीवन पर लिखी नम्रता एवं प्रिया दत्त की लिखी किताब विमोचित हुई. बांद्रा के एक पंचसितारा होटल में अ।योजित इस कार्यक्रम में दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, महेश भट्ट, संजय खान, सायरा बानो और दत्त दंपति के बेटे संजय दत्त अ।ए थे. किताब की जानकारी अगले हफ्ते देगा चवन्नी.

Comments

VIMAL VERMA said…
आपकी बात पर अमल करना शुरु कर दिया है,

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को