फिल्‍म समीक्षा : एक्‍शन जैक्‍सन

-अजय ब्रह्मात्‍मज 
सही कहते हैं। अगर बुरी प्रवृत्ति या आदत पर आरंभ में ही रोक न लगाई जाए तो वह आगे चल कर नासूर बन जाती है। प्रभु देवा ने फिल्म 'वांटेड' से हिंदी फिल्मों में कदम रखा। तभी टोक देना चाहिए था। वे रीमेक बना रहे हों या कथित ऑरिजिनल कहानी चुन रहे हों। उनकी फिल्में एक निश्चित फॉर्मूले पर ही चलती हैं। उनकी फिल्मों में एक्शन, वायलेंस, डांस, रोमांस... इन चार तत्वों का अनुपात और क्रम बदलता रहता है। कथानक पटकथा और संवाद जैसी चीजें तो भूल ही जाएं। प्रभु देवा शब्दों से ज्यादा दृश्यों में यकीन करते हैं। उनकी फिल्मों में स्क्रिप्ट राइटर से बड़ा योगदान कैमरामैन, साउंड रिकॉर्डिस्ट, कोरियोग्राफर, एक्शन डायरेक्टर और हीरो का होता है। 'एक्शन जैक्सन' में तो उन्होंने दो-दो अजय देवगन रखे हैं। दो हीरोइनें भी हैं - सोनाक्षी सिन्हा और मनस्वी ममगई। दोनों का काम या तो हीरो पर रीझना है या फिर खीझना है।

'एक्शन जैक्सन' जैसी फिल्में देखते समय अजय देवगन सरीखे कद्दावर और लोकप्रिय अभिनेता की बेचारगी का एहसास होता है। 'जख्म', 'तक्षक', 'अपहरण' और 'भगत सिंह' जैसी फिल्मों को थोड़ी देर के लिए भूल भी जाएं तो इस अभिनेता ने कमर्शियल फिल्मों के रेगुलर हीरो के रूप में अपनी आंखों से किरदारों का दर्द बयान किया है। मनोरंजक फिल्में दी हैं। उम्र बढऩे के साथ लोकप्रियता और कामयाबी बरकरार रखने के लिए अजय देवगन ने अपनी सोच-समझ को ताक पर रख दिया है। कह सकते हैं कि वे कुछ भी कर रहे हैं। 'कुछ भी' करने के प्रयास में उन्होंने अपनी गरिमा और प्रतिभा को ही ग्रहण लगा दिया है। 'एक्शन जैक्सन' उनके प्रशंसकों के लिए भी मनभंजक फिल्म है।
'एक्शन जैक्सन' में वे डबल रोल में हैं। विशी और एजे पर्दे पर दो किरदारों के रूप में दिखते हैं। लेकिन निर्देशक के ट्रीटमेंट पर गौर करें तो वे एक-दूसरे का ही विस्तार लगते हैं। दोनों के एक्शन में आते ही कांच टूटने लगते हैं। मुक्का, गोली, चाकू, तलवार जैसे अस्त्र-शस्त्र का इस्तेमाल होता है। खून के छीटें उड़ते हैं। मुक्का लगने पर लोग हवा में गुलाटियां भरते हैं। हीरो का गुस्सा गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ उन्हें ऊपर उछालता है। डांस और डायलॉग के बीच में हर तरह के हथियारों की आवाजें आती हैं। गिरने-पड़ने, टूटने-फूटने, धूम-धड़ाम, बूम-बड़ाम, छप-छपाक जैसी ध्वनियों से एक्शन का इंपैक्ट बढ़ाया जाता है। पार्श्व में शोर चलता रहता है।
प्रेम और आकर्षण तो हर हिंदी फिल्म में होता है। उसकी वजहें भी होती हैं। इस फिल्म की नायिका संयोग से नायक को एक नहीं दो बार नंगे देख लेती है और दोनों बार वह लकी रहती है। नतीजा यह होता है कि अब वह हीरो से शादी कर लेना चाहती है ताकि...। इंटरवल के पहले एक अजय देवगन की प्रेम लीला इंटरवल के बाद दूसरे अजय देवगन के साथ द्वेष लीला के रूप में आगे बढ़ती है। विलेन की बहन एजे की वीरता और शारीरिक सौष्ठव से इतनी मुग्ध होती है कि उसे हासिल करने के लिए बैंकॉक से भारत तक वितंडा रचती है। खून की धारा बहती है और गाजर-मूली की तरह इंसान काटे जाते हैं।
प्रभु देवा और अजय देवगन की 'एक्शन जैक्सन' उनके प्रशंसकों को भी निराश करेगी। मनोरंजन का कोई तुक और आधार तो होना चाहिए। और फिर ऐसी क्रूर एवं हिंसक फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट देने का क्या तर्क हो सकता है।
अवधिः 144 मिनट
* एक स्‍टार 

Comments

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को